सिद्ध श्री बालाजी महाराज मंदिर, सलेमपुर का इतिहास और निर्माण की कथा भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। यह मंदिर उत्तर प्रदेश के सलेमपुर क्षेत्र में स्थित है और यहां भगवान हनुमान (बालाजी) की पूजा बड़े श्रद्धा और भक्ति के साथ की जाती है।
परम पूज्य गुरुदेव प. उमाशंकर जी शर्मा पूज्य श्री छोटे महाराज जी बंगरा का सपना था की हम सबके आराध्य प्रभु श्री राम के अनन्य सेवक वीर हनुमान के बल रूम में विराजमान श्री बाला जी महाराज का एक विशाल मंदिर जन कल्याण और संकटो के निवारण के लिए भव्य रूम में बने जिसके प्रधान देव श्री हनुमान जी महाराज राजा के रूप में विराजमान हो।
उनके सपनो को साकार करने की प्रेरणा से प्रेरित होकर कानपुर नगर के भगतो ने वर्ष २००४ में एक समिति का निर्माण किया, जिसे बाला जी परिवार सेवा मंडल के नाम से सम्बोधित किया जाना निश्चित हुआ। सर्व सम्मिति से प. उमाशंकर जी शर्मा इस समिति की सर्वराकार घोषित हुए। समिति के माध्यम से कानपुर नगर से दूर चकेरी हवाई अड्डे के आगे एक्सिस कॉलेज के पास सलेमपुर नामक गाँव में लगभग ३ बीघा जमीन पूज्य महाराज जी के दिशा निर्देश में खरीदी गई। यह स्थान कानपुर नगर से १८ किलोमीटर व प्रमुख रामा देवी चौराहे से १० किलोमीटर दूर है।
धीरे धीरे महाराज जी का स्वप्न साकार होने लगा। समिति ने मंदिर निर्माण के लिए वर्ष २००५ में पूज्य महाराज जी के माध्यम से भूमि पूजन किया और बॉउंड्री वाल का निर्माण चालु हुआ। उसके पश्चात महाराज जी की आज्ञा से भक्त जनो के प्रवास हेतु १ भवन का निर्माण किया गया, जिसका नामकरण हरिद्धार से पधारे पूज्य गुरुदेव स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज (भारत माता मंदिर हरिद्धार) द्धारा संत सदन निश्चित हुआ।
पूज्य महाराज प. उमाशंकर जी द्धारा पिछले १३ वर्षो से कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर किदवई नगर में एक पार्क में सवामणी हवन उत्सव कराया जा रहा था। वर्ष २००८ में वह शुभ घडी आई जब भक्तो के प्रयास से प्रसन्न होकर पूज्य महारज जी ने अपने स्थान सलेमपुर मंदिर प्रांगण में कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सवामणी हवन उत्सव मनाने की अनुमति दी। तब से निरंतर वार्षिक सवामनि उत्सव व अन्य समस्त कार्यक्रम मंदिर प्रांगण में ही आयोजित हो रहे है।
वर्ष २००७ में वो शुभ घडी आई जिसका कानपुर नगर वासी और भक्त गण बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे। महाराज जी की प्रेरणा से दिनांक १४ अक्टूबर २००७ को प. उमाशंकर जी शर्मा के कर कमलो द्धारा मंदिर के मुख्य भवन के प्रथम स्तम्भ का पूजन हुआ, जिसके साक्षी तन मन धन से समर्पित कर्मठ सेवक हम सबके प्रिय भाई श्री संतोष अग्रवाल जी, श्री वीरेंद्र जाखोदिया जी, श्री अशोक त्रिपाठी जी, श्री मनोज अग्रवाल जी व समिति से समस्त पदाधिकारीगण व अपार जन समूह रहा। तब से निरन्तर आज दिन तक भक्तो की प्रेरणा व सहयोग से मंदिर निर्माण चल रहा है।
श्री नाथद्धारा से लाए गए श्वेत संगमरमर पर मंदिर में स्थापित सभी विग्रहो की दीवारों पर तथा परिक्रमा पथ आदि स्थानों पर सुन्दर नक्काशी का कार्य किया जा रहा है। इसी बीच, मंदिर निर्माण के दौरान पूज्य महाराज जी के मन में मंदिर परिसर में एक भव्य यज्ञशाला के निर्माण का विचार उत्पन्न हुआ और उनकी इच्छानुसार एक अत्यंत सुन्दर अष्टकोणीय यज्ञशाला का निर्माण कराया गया। वहां सभी धार्मिक अनुष्ठान किए जाने लगे। वर्ष 2010 में एक शिव मंदिर के निर्माण की इच्छा से प्रेरित होकर, महाराज जी की अनुमति से धौलपुर के पत्थरों से इसका निर्माण कराया गया। नर्मदेश्वर एवं नंदी जी की स्थापना जबलपुर के महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि जी महाराज की प्रेरणा से की गई। बाद में महाराज जी ने इसका नाम अचलेश्वर महादेव रखा। भक्तो के निरंतर आग्रह पर पूज्य महाराज जी ने निर्माणाधीन मंदिर में ही मेहंदीपुर से लाल पत्थर में गढ़े श्री बाला जी महाराज की स्थापना मंदिर प्रांगण में कराई।
वर्ष 2017 के मई माह की 21-22 व 23 तारीख को महाराज जी के आदेश से सिद्ध श्री बाला जी मंदिर सलेमपुर रुमा कानपुर में मंदिर में सभी विग्रहो की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख निर्धारित की गई। जिसमें विराजमान श्री हनुमान जी महाराज, श्री सीता-राम सरकार जी, राधाकृष्ण सरकार, भगवान श्री गौरीशंकर परिवार, जगत जननी माँ जगदम्बे श्री गणेश जी महाराज, माता लक्ष्मी जी, भगवान दत्तात्रेय जी, श्री प्रेतराज सरकार व श्री बटुक भैरव की प्राण-प्रतिष्ठा का महोत्सव बहुत ही धूमधाम से बनाया गया। हम सभी का यह सौभाग्य रहा कि इस शुभ अवसर पर भारतमाता मंदिर हरिद्धार से पधारे हम सब के आराध्य परमपूज्य पूज्यपाद गुरुदेव स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरि जी महाराज व उनके दीक्षित शिष्य पूज्य श्रीमहा मण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज व वेदमूर्ति तपोनिष्ठ महामण्डलेश्वर श्री गोविन्द देव गिरि जी महाराज (वर्तमान कोषाध्यक्ष श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र व उपाध्यक्ष श्रीकृष्ण जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास) व गुरुजी के प्रिय शिष्य गौ भक्त जबलपुर निवासी महा मण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानन्द गिरि जी महाराज व कानपुर नगर के स्वनाम धन्य साधु-संत व सन्यासिओ का और नगर के प्रमुख समाज सेविओ का सानिध्य मिला। हम सबके लिए ये भी बड़े सौभाग्य की बात रही कि हम सबके प्रिय पूज्यपाद व इस मन्दिर के अधिष्ठाता पं. उमाशंकर जी शर्मा (परम पूज्य छोटे महाराज जी, बंगरा वाले) एवं अयोध्या रंग वाटिका 'अयोध्या धाम' के निवासी श्री श्री 1008 महंत श्री हरिसिद्धशरण जी महाराज भी अपने शिष्यों के साथ पूरे कार्यक्रम में उपस्थित रहे।